परिचय

श्री राम प्रकाश गीताई

जीवन में एक संतुलित और व्यापक दृष्टिकोण की बुनियाद को स्थापित करने के उद्देश्य को लेकर मार्च, 1962 में संतुलन – समिति की स्थापना हुई। इसकी गतिविधियों के संचालन के लिए इसकी कार्यकारिणी में एक संयोजक, एक सह संयोजक, एक कोषाध्यक्ष और आठ सदस्य होते हैं। समिति अपने संगठन से जुड़े परिवारों में साप्ताहिक गोष्ठियों का आयोजन करती है, जिनमें सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिवेश की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा होती है। समिति ने 1964 से 1991 तक गांधी नगर, जयपुर में ‘संतुलन विद्या मंदिर’ प्राथमिक विद्यालय का संचालन किया, जिसमें नौनिहालों को ‘गीतायन’ कार्यक्रम के माध्यम से भारतीय संस्कृति के मूल तत्वों का ज्ञान कराया गया। यह  सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालय था जो एक सरकारी आवंटित भवन में संचालित था।

प्रचलित विवाह पद्धतियों के दोषों का निराकरण करते हुए समिति द्वारा एक निर्दोष विवाह पद्धति – ‘संतुलित विवाह पद्धति’ – प्रस्तावित की गयी है। पारिवारिक जीवन में सुधार लाने के उद्देश्य से समिति द्वारा ‘सहनिवास-प्रयोग’ की योजना चलायी गयी, जिसमें उसके सदस्य सामान विचार और रुचि के आधार पर पारिवारिक भावना का विकास कर सकें। समिति द्वारा संतुलित उपासना की अवधारणा का अनुशीलन और प्रचार किया गया है। समिति द्वारा ‘संतुलन’ नाम से एक बुलेटिन प्रकाशित किया जाता है, जिसमें समिति की गतिविधियों एवं निहित विचारों की जानकारी होती है। समिति का स्वयं का एक कोष होता है जिसका विनियोग सामाजिक हित की गतिविधियों में होता है।  

1991 से ‘संतुलन विद्या मंदिर’ सामाजिक-आध्यात्मिक-स्वाध्याय एवं स्वास्थ्य केंद्र के रूप में 116, जय जवान कालोनी द्वितीय में कार्यरत है, जहाँ पारिवारिक/ सामाजिक शिक्षकों के स्वास्थ्य/प्रशिक्षण की व्यवस्था है जो घर घर में गीतायन-यज्ञ के माध्यम से व्यक्ति, परिवार और समाज की शारीरिक, आर्थिक और मानसिक समस्याओं के समाधान हेतु प्रयत्नशील हैं। स्वास्थ्य केंद्र में नियमित रूप से होम्योपैथी, एक्यूप्रेशर, योग तथा गीतायन रेकी द्वारा समस्त रोगों का संतुलित उपचार किया जाता है। प्रत्येक माह के प्रथम रविवार को प्रात: 8.00 बजे से 11.00 बजे तक महामृत्युंजय मंदिर, जय जवान कालोनी में पिछले दो वर्षों से लगातार निशुल्क़ शिविर आयोजित किया जा रहा है जिसमें हर बार काफ़ी मात्रा में मरीज़ लाभान्वित हो रहे हैं।